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आस्था का प्रतीक- अंजनी महादेव हिमाचल प्रदेश

Blog, 29/02/2024

यदि खूबसूरत जगहों की बात की जाये और हिमाचल प्रदेश,मनाली का जिक्र ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। अंजनी महादेव भी एक बहुत ही सुंदर जगह है, यह आस्था का केंद्र तो है ही साथ ही अपने खूबसूरत नजारों के लिए भी प्रसिद्ध है। वैसे भी मनाली पर्यटकों का एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। लेकिन इसके बावजूद भी आज वहां कई ऐसी जगहें हैं जो बेहद सुंदर हैं और अलौकिक शक्तियों से भरी हुई हैं किंतु

अभी तक कई पर्यटकों को इन जगहों के बारे में जानकारी नहीं है। आज इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसी ही अद्भुत और हैरान कर देने वाली जगह के बारे में बताएंगे, तो वो पवित्र जगह है अंजनी महादेव। इस जगह पर एक पवित्र झरना शिवलिंग का जलाभिषेक करता है। यह देखना अपने आपमें एक बहुत ही अनोखा अनुभव है। इस पवित्र नज़ारे को देखने के बाद आपको एहसास होगा कि वास्तव में ईश्वर की शक्ति क्या है ? 
 

क्यों है यह लोगों की आस्था का प्रतीक ?

अंजनी महादेव मंदिर एक प्राकृतिक शिवलिंग है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि यदि आप घूमने के शौकीन हैं और भगवान में आस्था रखते हैं तो अंजनी महादेव मंदिर में जाकर आपको एक अलग ही सुकून मिलेगा। इस जगह में प्रवेश करते ही आपको ऐसी शांति का अनुभव होगा, जो इससे पहले आपने शायद ही कभी अनुभव किया हो। कुछ समय के लिए तो आप सब कुछ भूल बैठोगे और इस जगह की अलौकिक छटा में खो जाओगे। आपको महसूस होगा जैसे वो दिव्य साक्षात् शक्ति आपके सामने खड़ी है। यहाँ पूरा बर्फ से ढका अद्भुत दृश्य आपका मन मोह लेगा।

 

क्या है अंजनी महादेव के पीछे की आस्था की कहानी ?

महंत श्री पारस भाई जी ने अंजनी महादेव के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी और तब भगवान शिव ने अंजनी माता को दर्शन दिए थे। साथ ही माता अंजनी को इच्छापूर्ति का आशीष भी दिया था। इसके बाद से ही यहां पर प्राकृतिक रूप से बर्फ का विशाल शिवलिंग बनता है, जो कि लोगों की आस्था का प्रतीक बन जाता है। इसे अंजनी माता की तपोस्थली भी कहा जाता है। श्री पारस भाई जी ने आगे बताया कि यदि आप यहाँ जाकर इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन करते हैं तो आपकी हर इच्छा पूरी होती है और जीवन में ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
 

कहाँ स्थित है अंजनी महादेव मंदिर ? 

यदि आप मनाली घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो उससे 25 किलोमीटर की दूरी पर अंजनी महादेव का मंदिर स्थित है। अंजनी महादेव में साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना प्राकृतिक शिवलिंग है। यदि आप भोले के भक्त हैं तो एक बार जरूर घूमने जाइये इस खूबसूरत जगह पर और अंजनी महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां जाकर आपको शांति का एहसास तो होगा साथ ही यह आपके जीवन का एक शानदार अनुभव होगा। इतनी उंचाई पर बने इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन भला कौन नहीं करना चाहेगा।
 

अंजनी महादेव, दर्शनीय स्थल के साथ-साथ पूजनीय स्थल भी

इस पवित्र स्थान पर बर्फ का विशाल शिवलिंग बन जाता है। यह स्थान पर्यटकों के लिए अत्यंत खूबसूरत दर्शनीय स्थल तो है ही साथ ही भक्तों के लिए एक पूजनीय स्थान भी। यहाँ की जो अनुपम छटा है वह देखने लायक होती है। अंजनी महादेव के दर्शन करने के लिए आप कुछ सीढ़ियां चढ़कर जब ऊपर पहुँचते हैं तो यह हैरान करने वाला दृश्य देखकर अचंभित हुए बिना नहीं रह पाते हैं। यहाँ   एक बहुत ही सुंदर और ऊँचे झरने के नीचे पवित्र शिवलिंग है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस झरने का पानी शिवलिंग पर जब गिरता है तो यह अद्भुत दृश्य आँखों में बस जाता है। यह देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति खुद ही महादेव पर जल अर्पण कर रही हो। सच में इस अनुभव को आप कभी भुला नहीं पाओगे।
 

लगभग 35 फ़ीट फीट से भी ऊंचा होता है शिवलिंग

अंजनी महादेव मंदिर में शिवलिंग का आकार 30 फीट से ज्यादा ऊंचा होता है। यहाँ पर अंजनी महादेव से गिरता झरना बर्फ बनकर शिवलिंग का रूप धारण करता है। जैसे जैसे तापमान कम होता है वैसे-वैसे इसके आकार में लगातार बढ़ोतरी होती रहती है। भक्त भी इस झरने के जल से महादेव पर जलाभिषेक करते हैं। महादेव पर जलाभिषेक करने से महादेव भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
 

यहाँ पर श्रद्धालु बर्फ पर नंगे पैर चलते हैं 

शायद आप सोच भी नहीं सकते हैं कि आप बर्फ पर नंगे पैर चल सकते हैं। लेकिन आपको जरूर आश्चर्य होगा कि अंजनी महादेव के दर्शन के लिए भक्त बर्फ में नंगे पैर चलकर जाते हैं और इस तरह बर्फ में नंगे पैर जाने से आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। ये अंजनी महादेव की ही शक्तियों का असर होता है। किसी प्राकृतिक झरने द्वारा शिवलिंग के जलाभिषेक के इस खूबसूरत नज़ारे से आप अपनी नजरों को हटा नहीं पाओगे।
 

अंजनी महादेव को हिमाचल का अमरनाथ कहा जाता है

अंजनी महादेव पर सर्दियों में नवंबर से बर्फ़बारी की शुरुआत होती है और यहाँ का दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाता है। चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है और यह नजारा आँखों में बस जाता है। यहाँ की ज्यादा ठंड से इस पवित्र झरने का जल शिवलिंग के ऊपर गिरकर जमने लग जाता है और फिर यह बर्फ विशाल शिवलिंग का रूप ले लेता है। फिर धीरे-धीरे फरवरी के अंत तक पवित्र शिवलिंग का आकार बढ़ता जाता है और इस शिवलिंग की ऊंचाई 35 फ़ीट से भी बढ़ जाती है। अंजनी महादेव के इसी प्राकृतिक शिवलिंग के कारण इसे हिमाचल का अमरनाथ कहा जाता है और यही वजह है कि सर्दियों में लोग इस पवित्र शिवलिंग के दर्शन के लिए जाते हैं।
 

यहाँ जाने के लिये सबसे अच्छा समय कौन सा है ?

यहाँ की प्राकृतिक ख़ूबसूरती इतनी अधिक है कि आप यहाँ कभी भी जा सकते हैं। यहाँ के प्राकृतिक नज़रों की खूबसूरती अलग ही दिखती है। यदि आप गर्मियों में यहाँ जाते हैं तो रास्ते में आपको चारों ओर हरियाली नजर आयेगी और साथ में सुन्दर कल कल बहती अंजनी नदी आपको दिखाई देगी। वहीं यदि आप सर्दियों में यहाँ जाते हैं तो उस समय आपको यह पूरी जगह बर्फ से ढकी नजर आयेगी। क्योंकि इस समय आपको यहाँ पर अलौकिक और अद्भुत प्राकृतिक बर्फ से बना शिवलिंग  देखने को मिलेगा। सर्दियों में जाते वक्त बस यह ध्यान रखें कि उस वक्त यहाँ का तापमान बहुत कम होता है इसलिए सावधानी से जायें।

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