वैदिक ज्योतिष के अनुसार राशि


भारतीय संस्कृति का आधार वेद है। भारतीय ज्योतिष विद्या का जन्म वेद से हुआ है। वेद से जन्म लेने के कारण ही इसे वैदिक ज्योतिष के नाम से जाना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी बताते हैं कि वैदिक ज्योतिष ऐसा विज्ञान और शास्त्र है जो आकाश मंडल में विचरने वाले ग्रहों जैसे सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध आदि के साथ राशियों एवं नक्षत्रों का अध्ययन करता है। वैदिक ज्योतिष में गणना के क्रम में राशिचक्र, नवग्रह, जन्म राशि को महत्वपूर्ण रूप में देखा जाता है। तो आइये आज वैदिक ज्योतिष के अनुसार 12 राशियों के बारे में जानते हैं।



वैदिक ज्योतिष के अनुसार मेष राशि

यह राशि चक्र की शुरुआत का प्रतीक है, जो साहस और साहसिक भावना का प्रतीक है। मेष राशि चक्र की पहली राशि है और पूरे राशि चक्र को एक किक स्टार्ट देने का काम करती है। मेष राशि के लोग अन्य राशियों की तुलना में चीजों को पहले प्राप्त करना चाहते हैं। उनमें किसी भी चीज या कार्य को सबसे पहले स्टार्ट करने की गजब की चाह देखी जाती है। राशियों के तत्व की बात करें तो मेष का संबंध अग्नि तत्व से होता है। अग्नि एनर्जी को प्रदर्शित करती है, मेष भी उसी एनर्जी को दर्शाता है। महान ज्योतिष महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि मेष राशि के लोग जन्मजात लीडर होते हैं। मेष राशि को उत्साही नेचर के लिए भी जाना जाता है, वे सदैव खुद को दूसरों की अपेक्षा अधिक आंकते हैं।

रेड प्लेनेट मार्स यानी कि मंगल को मेष राशि का स्वामी माना जाता है। आपको लाल या पीले रंग के उत्पादों से संबंधित व्यवसाय से लाभ होगा। “महंत श्री पारस भाई जी” कहते हैं कि मेष राशि के लिए लाल रंग शुभ माना गया है, लेकिन एक सीमा तक। दरअसल लाल रंग एग्रेशन और संघर्ष को भी दर्शाता है। स्वभाव से आप विनोदी और उज्ज्वल चेहरे वाले होते हैं। सप्ताह में आपके लिए भाग्यशाली दिन बुधवार, सोमवार और मंगलवार होंगे। आपके कन्या, कुम्भ और मिथुन राशि के बहुत से मित्र होंगे। मेष राशि को मिथुन, सिंह और धनु के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है। आप महत्वाकांक्षी होंगे। दरअसल अन्य किसी राशि के मुकाबले मेष राशि के लोगों में जद्दोजहद करने की क्षमता बहुत अधिक देखी जाती है।

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृषभ राशि

राशि क्रम में वृषभ का नंबर दूसरा है। वृषभ राशि के स्वभाव की बात करें तो यह फिक्स्ड या स्थिर साइन की राशि है। राशि के स्वभाव के अनुसार ही इस राशि के लोग जमीन से जुड़े, स्थिर और लाॅजिकल होते हैं। वृषभ राशि, बैल की स्थिरता, दृढ़ संकल्प और सांसारिक गुणों का प्रतिनिधित्व करती है। भौतिक संपदा से जुड़ा, यह दृढ़ता और संपत्ति के साथ मजबूत संबंध पर जोर देता है। सप्ताह के आपके भाग्यशाली दिन शनिवार, बुधवार और शुक्रवार हैं। बागवानी और खेती से संबंधित व्यवसाय से आपको लाभ होगा।

वृषभ राशि का प्रतीक चिह्न पावरफुल बैल है, जिसके माथे पर घुमावदार सींग होते हैं। बैल स्वभाव से ही मेहनती और धैर्यवान होते हैं लेकिन जब उन्हें गुस्सा आता है तो वे किसी शेर से भी भिड़ सकते हैं।

महंत श्री पारस भाई जी ने वृषभ राशि के बारे में बताया कि अपने राशि चिह्न बैल की तरह ही वृषभ राशि के लोग कठिन मेहनत करने वाले और पेशेंस वाले होते हैं। इसलिए वृषभ राशि वाले लोगों को उनकी कठिन मेहनत और पेशेंस जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है जिससे वो अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर पाते हैं। वृषभ राशि में जन्मे लोग पावर के लिए बहुत मेहनत करते हैं और वो अपने लक्ष्य को पाए बिना कभी संतुष्ट नहीं होते हैं।


वैदिक ज्योतिष के अनुसार मिथुन राशि


राशि क्रम में मिथुन का नंबर तीसरा है। मिथुन राशि, द्वंद्व और संचार का प्रतीक है। यह वायु चिह्न विचारों के आदान-प्रदान, बौद्धिकता और अनुकूलन क्षमता को उजागर करने का प्रतीक है। मिथुन राशि का चिह्न जुड़वां है, जो उनके भीतरी द्वंद्व को दर्शाता है। मिथुन राशि में बच्चों की मासूमियत होती है लेकिन उनका दोहरा चरित्र उन्हें एक दूसरे के विपरीत करने का काम करता है।

यदि मिथुन राशि के स्वभाव की बात करें तो यह एक म्यूटेबल यानि परिवर्तनशील राशि है। मिथुन राशि दो अलग-अलग पर्सनेलिटी को रिप्रेजेंट करती है और आप हमेशा इस बात को समझने में फेल होंगे कि आपका सामना किस पर्सनेलिटी से हो रहा है। मिथुन राशि के लोग हर काम बेहद कुशलता के साथ कर सकते हैं। मिथुन राशि पर बुध का स्वामित्व होता है, वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि और कम्युनिकेशन से जुड़ी चीजों का स्वामी माना गया है। बुध से सीधा संबंध होने के कारण वे कम्युनिकेशन, लेखन और बुद्धि से जुड़े हर काम को अच्छे तरीके से पूरा कर सकते हैं। आप लेखक, सरकारी कर्मचारी, बुद्धिजीवी होंगे। आपके लिए बुधवार, शुक्रवार और शनिवार सप्ताह के भाग्यशाली दिन रहेंगे। बुध का प्रिय रंग हरा है, मिथुन जातकों के लिए हरा रंग सदैव लाभदायक रहता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि


राशि क्रम में कर्क का नंबर चौथा है और यह जल तत्व की पहली राशि है। यानि कर्क चार्ट के फोर्थ हाउस को कंट्रोल करता है, इस घर का संबंध आपके सुख और माता से होता है। कर्क राशि का प्रतीक चिह्न केकड़ा है। केकड़े को अपने घोंसले से बहुत प्यार होता है, इसी तरह इस राशि में जन्मे लोगों को भी अपने घर से बहुत प्यार होता है। यह भावनाओं, परिवार और जीवन के अनुभवों के प्रवाह से जुड़ा है। कर्क राशि के लोग स्वीट और सेंसेटिव होते हैं। आपके लिए रविवार, सोमवार, मंगलवार भाग्यशाली दिन रहेंगे। काला आपके लिए अशुभ रंग होगा और सफेद और लाल भाग्यशाली साबित होंगे। “महंत श्री पारस भाई जी” ने कहा कि कर्क राशि के लिए दूधिया या क्रीम रंग को भाग्यशाली माना गया है। अपनी फैमिली के लिए कर्क राशि के लोगों में गजब का समर्पण होता है और वे हर प्रकार से अपनी फैमिली का पोषण करते हैं।

कर्क राशि सेंसेटिव राशियों में से एक है, इसलिए किसी के कठोर शब्द उन्हें बड़ी आसानी से चोट पहुंचा सकते हैं। इस वजह से उन्हें कई बार डिप्रेशन की समस्या भी हो जाती है। कर्क राशि के लोग पारिवारिक होते हैं और इन लोगों के लिए अपना घर दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण होता है। कर्क राशि के लोगों के पास गहरा ह्यूमर होता है, जिससे इनके दोस्त और परिवार के लोग इनसे काफी खुश भी रहते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि


राशि क्रम में सिंह का नंबर पांचवां है। यह अग्नि तत्व की दूसरी राशि है। सिंह राशि का प्रतीक चिह्न शेर है। इस राशि के स्वामी सूर्य हैं। यह राशि जीवन की भव्यता और शक्ति को प्रदर्शित करने वाली मानी जाती है। अग्नि तत्व राशि होने के कारण सिंह राशि के लोगों को उनकी एनर्जी के लिए भी जाना जाता है। इन लोगों का सामाजिक दायरा अन्य राशियों की तुलना में बड़ा होता है। सूर्य के प्रभाव के कारण ही सिंह राशि के लोगों का स्वभाव राजसी और सेलेब्रिटी जैसे होता है। सूर्य को नवग्रहों में राजा की उपाधि प्राप्त है। सिंह राशि वाले जातकों में बहुत ही गजब की लीडरशिप क्वालिटी होती है।

सिंह राशि के लोगों के लिए गुलाबी रंग बहुत लाभदायक और अच्छा माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि के लोग यदि गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करते हैं तो उन्हें इससे कई तरह के फायदे मिलते हैं। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि सिंह राशि वाले शेर की ही तरह महत्वाकांक्षी होते हैं और वो अपने पसंद के क्षेत्र में सबसे ऊपर तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। जैसे शेर अपने क्षेत्र में किसी अन्य की दखलअंदाजी पसंद नहीं करता है। आपके लिए सप्ताह के भाग्यशाली दिन सोमवार, मंगलवार और रविवार रहेंगे।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कन्या राशि


राशि क्रम में कन्या का नंबर छठा है और यह पृथ्वी तत्व की दूसरी राशि है। कन्या राशि के स्वभाव की बात करें तो यह एक परिवर्तनशील राशि है। कन्या राशि के लोग मेहनती और व्यवस्थित होते हैं, उन्हें हर काम सलीके से करना पसंद होता है। वो अपने काम को लेकर भी बेहद निष्ठावान होते हैं। कन्या राशि के लोग बैलेंस्ड होते हैं और अपना पेशेंस बनाए रखते हैं। कन्या राशि के लोग ईमानदार और स्पष्टवादी होते हैं।

कन्या राशि के लोग किसी भी परिस्थिति में अपना संयम नहीं खोते हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से कन्या राशि के लोग तेज होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें सफलता आसानी से मिलती है। ये लोग किसी भी परिस्थिति में अपना संयम नहीं खोते। कन्या राशि, संगठन और व्यावहारिकता का प्रतीक है।

कन्या राशि का चिह्न कुंवारी कन्या है, जो प्योरिटी को दर्शाता है। प्रसिद्ध ज्योतिष “महंत श्री पारस भाई जी” ने कहा कि कन्या राशि के लोगों में गलत उद्देश्यों को जांचने की क्षमता होती है। कन्या राशि पर बुध का स्वामित्व होता है, वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि से जुड़ी चीजों का स्वामी माना गया है। अपनी तेज बुद्धि के कारण कन्या राशि के लोग अच्छे कम्युनिकेटर भी होते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार तुला राशि


तुला राशि, संतुलन और सद्भाव लाती है। तुला राशि का प्रतीक चिह्न तराजू है, जो चीजों को बैलेंस करने का काम करता है। यानि किसी तराजू की तरह तुला राशि के लोग भी चीजों का व्यावहारिक समाधान निकालने की कोशिश करते हैं।

राशि क्रम में तुला का सातवां नंबर है। यह , रिश्ते और सौंदर्यशास्त्र का प्रतीक है। तुला राशि के लोग शांतिप्रिय, दिमागी, बौद्धिक और न्यायप्रिय होते हैं। वे अपनी लाइफ में संतुलन और स्थिरता के लिए तरीके के साथ काम करना पसंद करते हैं। मिथुन और कुंभ जैसी राशियों के साथ तुला का मैच बेहतर होता है।

तुला राशि के लोग हमेशा सबके लिए अच्छा करना चाहते हैं। तुला राशि के बारे में महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि इनमें न्याय की गहरी समझ होती है। तुला राशि के व्यक्ति अपने दिमाग का सही उपयोग करना जानते हैं। तुला राशि के लोगों को अकेले रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है। इस राशि के लोगों की सोशल नेटवर्किंग बेहद अच्छी होती है।

तुला राशि के लोग हर समय इस बात को सोचते हैं कि कैसे हम अपने आसपास की चीजों को संतुलित कर सकते हैं। चाहे वह घर हो या कोई भी काम करने की जगह,वो हर चीज में तालमेल बैठाते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि


वृश्चिक राशि, तीव्रता और परिवर्तन का प्रतीक है, जिसका प्रतीक शक्तिशाली और खतरनाक बिच्छू है। गहराई और जुनून से जुड़ा, यह जीवन और मृत्यु के रहस्यों का पता लगाता है। राशि क्रम में वृश्चिक का नंबर आठवां है। वृश्चिक राशि को इमोशनल और सेंसेटिव भी माना जाता है। वृश्चिक राशि के लोग जिज्ञासु प्रकृति वाले होते हैं। वृश्चिक राशि के ज्यादातर लोगों के लिए उनकी जिज्ञासा ईंधन का काम करती हैं। इनमें रहस्यों को अपने अंदर दबाये रखने की शक्ति होती है। वृश्चिक में दोस्तों के प्रति बहुत ईमानदारी होती है पर गलती से यदि वे एक बार किसी के दुश्मन बन गए तो वे बहुत खतरनाक भी साबित हो सकते हैं।

वृश्चिक राशि के लोग सीरियस, निडर, जिद्दी, तेज और इमोशनल होते हैं। वृश्चिक राशि वाले लोग अपने भाग्य को खुद कंट्रोल करने में विश्वास रखते हैं।

आपके लिए शुभ दिन मंगलवार, सोमवार होंगे। वृश्चिक राशि के लोगों के लिए कर्क, मकर और मीन राशि को अनुकूल माना गया है। “प्रसिद्ध ज्योतिष महंत श्री पारस भाई जी” ने बताया कि वृश्चिक राशि पर मंगल का स्वामित्व होता है और मंगल को पराक्रम और शौर्य का प्रतिनिधि माना जाता है। जो वृश्चिक राशि के लोगों को स्ट्राॅन्ग, डोमिनेटिंग और निर्भीक बनाते हैं।

वृश्चिक का रंग, लाल है, यह बोल्ड कलर है। लाल रंग का नेचर एक्टिव और एक्साइटिंग होता है। इस रंग का उपयोग एनर्जी को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार धनु राशि


राशि क्रम में धनु का नंबर नवां है। धनु राशि के प्रकार या स्वभाव की बात करें तो यह एक म्यूटेबल मतलब परिवर्तनशील राशि है। धनु को राशिचक्र की सबसे एक्टिव राशियों में से एक माना जाता है। धनु राशि के लोग स्वभाव से आशावादी होते हैं। ये खोजी स्वभाव के होते हैं। उन्हें अपनी लाइफ में भी लगातार नयापन चाहिए होता है। धनु राशि, अन्वेषण और विस्तार का प्रतीक है। वे सत्यवादी होते हैं। वो लगातार कोशिश करते हैं और जल्दी घबराते नहीं हैं। धनु राशि को राशि चक्र की सबसे एक्साइटिंग और एनर्जेटिक राशियों में से एक माना जाता है।

धनु राशि वाले बुद्धिमान होते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। धनु का रंग पीला है। धनु राशि के लोगों के लिए पीला रंग उनकी एनर्जी को बैलेंस करने का काम करता है। धनु के स्वामी गुरु हैं और गुरु को नवग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ और लाभदायक माना गया है, बताया महंत श्री पारस भाई जी ने। क्योंकि जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए गुरु की स्थिति को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु के प्रभाव के कारण धनु राशि के लोग अपने ज्ञान का विस्तार कर सफल होते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मकर राशि


मकर राशि, महत्वाकांक्षा और साहस का प्रतीक है, जिसका प्रतिनिधित्व बकरी द्वारा किया जाता है। मकर के स्वभाव में उनके चिह्न की झलक साफतौर पर देखने को मिलती है। एक पहाड़ी बकरे की तरह जो अपनी लाइफ में उच्च और उच्चतम शिखर तक पंहुचना चाहते हैं। यह पृथ्वी चिन्ह अनुशासन, कड़ी मेहनत और सफलता की ओर लगातार चढ़ने पर जोर देता है। मकर राशि के लोगों को मेहनती और वफादार माना जाता है। पेशेंस मकर का मुख्य गुण है। वे शांति से अपने लिए लक्ष्यों का चयन करते हैं और लक्ष्यों को पाने के लिए अच्छे से मेहनत करते हैं। राशि क्रम में मकर का नंबर दसवां है। मकर राशि के प्रकार या स्वभाव की बात करें, तो यह एक परिवर्तनशील राशि है।

लक्ष्य को पाने के बाद भी मकर राशि के लोग बेहद सर्तक और सावधान होते हैं, जो किसी बकरी के मूल गुण है। मकर के स्वामी शनि हैं, जिन्हें सनातन परंपराओं में न्यायाधीश माना गया है। शनि का संबंध आयु, दु:ख, पीड़ा, तकनीकी, रोग, विज्ञान, लोहा, सेवक, तेल और कर्मचारी से माना गया है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में नेगेटिव प्रभाव डालने वाले शनि व्यक्ति को मेहनती बनाने का काम करते हैं। उनके प्रभाव आपके कर्म पर आधारित होते हैं और उसी आधार पर वे आपको फल देने का काम करते हैं। मकर राशि के लोगों के लिए नीला रंग शुभ रंग माना जाता है। इस रंग का संबंध शनि से होता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि


कुंभ राशि, नवीनता और मानवीय आदर्शों का प्रतीक है, जो जल वाहक का प्रतीक है। इस राशि का प्रधान तत्व वायु है। “महंत श्री पारस भाई जी” ने बताया कि कुंभ राशि वाले गहरी सोच के साथ अत्यधिक बौद्धिक होते हैं और दूसरों की मदद करते हैं। उनमें न्याय की गहरी भावना होती है और वे निष्पक्ष होते

राशि क्रम में कुंभ का नंबर ग्यारहवां है और यह वायु तत्व की तीसरी राशि है। कुंभ राशि के प्रकार या स्वभाव की बात करें तो यह एक अचर या स्थिर राशि है। कुंभ का प्रतीक चिह्न जल से भरा घड़ा है जो जीवन के सूचक जल को जमीन पर पहुंचाने का काम करता है। कुंभ के स्वामी शनि हैं। जिन्हें वैदिक ज्योतिष में न्यायधीश का पद प्राप्त है। शनि को कर्मों के आधार पर न्याय करने के लिए जाना जाता है। कुंभ का भाग्यशाली रंग नीला या ब्लू है।

कुंभ राशि वाले लोग बड़े दृष्टिकोण के साथ बेहतर जगह बनाने का प्रयास करते हैं। वे समाज और अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने का काम करते हैं। ये लोग आशावादी होने के साथ ही बेहतरीन श्रोता भी होते हैं।

कुंभ के लिए दुनिया को बेहतर बनाना सबसे मुख्य कार्यों में से एक होता है। उनके फैसले इमोशन से नहीं बल्कि समझ और दूरदृष्टि से प्रेरित होते हैं। कुंभ राशि के लोग अपने आसपास के लोगों को जीवन को पूरी तरह एंजाॅय करने के लिए प्रेरित करते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मीन राशि


मीन राशि, सहानुभूति और आध्यात्मिक गहराई का प्रतीक है, जिसका प्रतिनिधित्व मछली करती है। यह जल चिन्ह अंतर्ज्ञान, करुणा और रहस्यमय पहलुओं से जुड़ाव का प्रतीक है। मीन के साइन में दो मछलियां विपरीत दिशाओं में तैर रही हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है। वे समुद्र की शार्क की तरह खतरनाक हो सकते हैं या फिर तालाब की मछली तरह विनम्र भी। मीन के राशि स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। गुरू को ज्ञान, आध्यात्म और धर्म का कारक माना जाता है।

राशि क्रम में मीन राशि का नंबर बारहवां है और यह जल तत्व की अंतिम राशि है। मीन राशि के स्वभाव के बारे में “महंत श्री पारस भाई जी” का कहना है कि यह एक द्विस्वभाव राशि है। मीन राशि के लोग स्वीट और सेंसेटिव होते हैंं। मीन राशि के लोग इमोशनल होते हैं, लेकिन बेकार का दिखावा करने में विश्वास नहीं करते। यह राशि चक्र की अंतिम राशि है।

मीन राशि वाले बड़ा सपना देखते हैं। वे अपनी लाइफ को एक अलग दृष्टिकोण से देखते हैं, जिसका वास्तविकता से सबंध हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता हैं। मीन राशि के लोग आलसी और निष्क्रिय भी हो सकते हैं। वे स्वार्थी भी हो सकते हैं और जब तक किसी काम में उनका हित नहीं होता तब तक वे अपने मित्रों के हितों की भी चिन्ता नहीं करते हैं। मीन राशि के लिए पीला रंग भाग्यशाली माना गया है।

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