हिंदू धर्म में सूर्य पूजा के लिए हर संक्रांति का दिन बहुत ही फलदायी माना गया है। सूर्य का राशि परिवर्तन दिन संक्रांति कहलाता है। साल में 12 संक्रांति आती हैं। सावन माह की संक्रांति को कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इस दिन सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करते हैं। कर्क संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा से आपके सभी रोगों का नाश होता है और दोष दूर होते हैं।
माना जाता है कि सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के बाद से देवताओं की रात्रि शुरू हो जाती है और असुरी शक्तियाँ सक्रिय हो जाती हैं। इसलिए सूर्य देव की पूजा, मंत्र और जाप आदि से नकारात्मक शक्तियों से आप बच सकते हैं। कर्क संक्रांति वाले दिन आप स्नान और दान करें। स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें और सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होगी।