हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज का पर्व मुख्यतः माता पार्वती को समर्पित हैं। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है और इनके निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि हरियाली तीज का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख-सौभाग्य, समृद्धि की प्राप्ति होती है और पति की आयु लंबी होती है। इस दिन महिलायें पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं। हिंदू धर्म में हरियाली तीज को माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा यह व्रत मनपसंद वर की कामना के लिए अविवाहित युवतियों द्वारा भी किया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और 16 श्रृंगार करती हैं। हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विशेष महत्व है।