शास्त्रों में अजा एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है। इस दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। सभी व्रतों में एकादशी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल कुल 24 एकादशियां होती है। इस दिन अन्न और जल का दान जरूर करना चाहिए। इससे भगवान भगवान श्रीहरि विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं। यह व्रत दुख और दरिद्रता से मुक्ति दिलाता है।
इस व्रत को करने से साधक को भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। इस दिन श्रीहरि विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की पूजा की जाती है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि जो लोग अजा एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें अश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है। अजा एकादशी व्रत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति के बुरे दिन खत्म हो जाते हैं और घर में अन्न, धन की कमी नहीं होती।