परिवर्तनी एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण से माना जाता है। इस एकादशी को डोल ग्यारस, पद्मा एकादशी और जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं। परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा का विधान है। भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि इस दिन एकादशी की व्रत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति का जीवन भी दुख से सुखी जिंदगी की ओर करवट लेता है। यह व्रत अमंगल को दूर कर घर, परिवार के लोगों को खुशियां प्रदान करता है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत को करने से आपके कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और अंत में उसे बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है।