नवरात्रि का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ होता है। शारदीय नवरात्रि में प्रथम दिन घट स्थापना यानि कलश की स्थापना की जाती है और पूरे 9 दिन अखंड ज्योति जलाई जाती है। शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाती है। घट स्थापना यानी मिट्टी का घड़ा, चांदी, अष्ट धातु, पीतल आदि धातु का कलश जिसे नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है। इसके लिए कलश में मिट्टी डालकर इसमें जौ डाले जाते हैं। फिर जल का छिड़काव कर इसे स्थापित किया जाता है।
कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है इसलिए शुभ कार्यों से पहले कलश स्थापित करना अनिवार्य है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा से पहले कलश स्थापित किया जाता है। घटस्थापना में देवी के नाम का कलश स्थापित किया जाता है। इसके बाद ही व्रत और देवी के स्वरूपों की पूजा आरंभ होती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।