नवरात्रि पर्व की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि की इन दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन किया जाता है। कुछ लोग अष्टमी तिथि पर तो वहीं कुछ लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ मां की पूजा-आराधना करते हैं। शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी होती है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। इनको आठवीं नवदुर्गा भी कहा जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा के बाद कन्या पूजा और नवरात्रि हवन भी करते हैं।
महानवमी नवरात्र का अंतिम दिन है। यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। यह वह दिन भी है जब मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर को हराया था जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस दिन देवी भगवती की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि सदैव बनी रहती है। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का पाठ किया जाता है। अंत में मां की आरती कर कन्याओं का पूजन करते हुए प्रसाद और उपहार देकर विदा किया जाता है।