कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। महिलाएं इस दिन का इंतजार साल भर से करती है। हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत का खास महत्व है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन भूखी प्यासी रहकर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अर्घ्य अर्पित कर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती है। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से लेकर के चंद्र दर्शन तक होता है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं सज-धज कर, 16 श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती है। करवा चौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं पति के सुखी जीवन, सौभाग्य, अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए दिन भर निराहार और निर्जल व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत में चंद्रमा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति की आयु लंबी होती है। इस दिन चतुर्थी माता और गणेश जी की भी पूजा अर्चना की जाती है।