हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इसी खुशी में लोगों ने छोटी दिवाली के दिन दीपक जलाए थे। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि कहीं कहीं इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन घरों में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए घर की सभी दिशाओं को सही से साफ किया जाता है। नरक चतुर्दशी पर सच्ची श्रद्धा से यमराज की पूजा करने पर नरक से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इस दिन नाले या किसी कूड़े के ढेर के पास भी दीपक जलाने से व्यक्ति को नरक नहीं भोगना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी की शाम को अकाल मृत्यु से बचाव के लिए यम दीपक जलाया जाता है।