दिवाली का त्यौहार भारतीय संस्कृति का गौरव है। हर किसी को दिवाली का बेसब्री से इंतजार रहता है। दीपावली में अंधकार पर प्रकाश की जीत का उत्सव मनाया जाता है। भारत में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यंत महत्त्व है। ऐसा माना जाता है कि इस वक़्त पूजन करने से मां निर्धन को धन्यधान से परिपूर्ण करती है। दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज तक रहता है।
महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि कार्तिक अमावस्या की रात में लक्ष्मी उन लोगों के घर भ्रमण करती हैं जहां साफ-सफाई, शांति और प्रकाश हो। यही वजह है कि घर को साफ कर, दीयों से सजाकर दीपावली मनाने की परंपरा है। दीपावली का मुख्य मतलब अंधेरे को दूर करके समाज में सुख, समृद्धि, संपन्नता, खुशहाली आदि प्रदान करना है और समाज में एक दूसरे के प्रति सहयोग और प्रेम की भावना को जागृत करना है।