Back to privious Page

मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)

...

प्रदोष व्रत का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। हर माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं। शिव पूजन के लिए प्रदोष व्रत का दिन बहुत खास माना जाता है। इस दिन लोग पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनका व्रत रखते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में आने वाले प्रदोष व्रत के दिन पूजा का दोगुना फल मिलता है। प्रदोष का अर्थ होता है दिन का अवसान और रात्रि का आगमन यानी संध्याकाल। दरअसल यह समय भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है। इस समय वो सभी देवी-देवताओं के साथ कैलाश पर नृत्य करते हैं। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार प्रदोष के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं नहीं होती हैं। प्रदोष व्रत के महत्व की बात करें तो यह मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों को दान करने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि जब चारों ओर अन्याय और अधर्म बढ़ेगा तब उस समय जो व्यक्ति इस व्रत को रख कर शिव की आराधना करेगा, उस पर शिव की विशेष कृपा होगी। वह व्यक्ति इस व्रत को रखने से सत्कर्म करेगा और उसे सद्गति प्राप्त होगी। साथ ही वह मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। साथ ही प्रदोष व्रत करने से दरिद्रता और ऋण के भार से मुक्ति मिलती है और सारे दोष और कष्ट मिट जाते हैं।


About us

Personalized astrology guidance by Parasparivaar.org team is available in all important areas of life i.e. Business, Career, Education, Fianance, Love & Marriage, Health Matters.

Paras Parivaar

355, 3rd Floor, Aggarwal Millennium Tower-1, Netaji Subhas Place, Pitam Pura, New Delhi - 110034.

   011-42688888
  parasparivaarteam@gmail.com
  +91 8882580006