पुत्रदा एकादशी संतान प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस दिन विष्णु जी की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत उन सभी विवाहित महिलाओं और पुरुषों को रखना चाहिए, जिनको कोई संतान नहीं है।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि पुत्रदा एकादशी संतान की उन्नति और बेहतर स्वास्थ के लिए काफी महत्व रखती है। इससे संतान पर आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इससे वंश का विस्तार होता है।
पौष माह की पुत्रदा एकादशी व्रत संतान के सुख, शांति, समृद्धि और उसे संकट से बचाने के लिए किया जाता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी पुत्रदा एकादशी का व्रत करता है, वो इस लोक में पुत्र पाकर मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति करते हैं।