हिंदू धर्म में माघ माह की संकट चौथ का बहुत महत्व है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित की जाती है। साथ ही इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा के साथ-साथ चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। इसे माघी चतुर्थी और तिलकुट चौथ भी कहा जाता है।
क़ृष्ण पक्ष की चतुर्थी को चंद्रोदय देर से होता है और व्रत करने वाले जातक को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करना होता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं। क्योंकि भगवान गणेश जी आपकी सारी परेशानियों को हर लेते हैं। सनातन धर्म में भगवान गणेश को सबसे पूजनीय देवी देवताओं में से एक माना जाता है। श्रीगणेश को बुद्धि, बल और विवेक का देवता माना जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।