हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का खास महत्व माना गया है और हर माह मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा विधि-विधान के साथ करने की परंपरा है।
शिवरात्रि, शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। चतुर्दशी की रात्रि, भगवान शिव का देवी पार्वती से विवाह की तिथि मानी जाती है।
माना जाता है कि प्रत्येक मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन रात के चार प्रहर के दौरान भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है। दरअसल पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव का देवी पार्वती से विवाह चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था। इसके अलावा रात्रि में आप मन से एकांत में भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर सकते हैं। इस दिन आधी रात का समय शिव लिंग पूजा के लिए सबसे अच्छा समय होता जाता है। इसलिए इस दिन रात्रि का समय शिव की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।