माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सबसे उत्तम माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना काफी शुभ होता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन मौन रहकर दान करने का भी अत्यंत महत्व है।
मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और पूजन से अन्य दिनों के मुकाबले में हजारों गुणा पुण्य प्राप्त होता है और ग्रह दोषों के प्रभाव भी कम होते हैं। इस दिन स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी अत्यंत लाभदायक होता है। इस दिन पितरों को तर्पण देना भी शुभ होता है। अमावस्या के दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, कपड़े आदि दान देना अच्छा माना जाता है।