इस दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन माँ सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसके साथ ही इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ हो जाता है। वसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनने का विशेष महत्व होता है।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि वसंत पंचमी की तिथि को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानि इसमें किसी भी शुभ कार्य को करने में मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करना पड़ता। वसंत पंचमी को कई तरह के शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वसंत पंचमी को विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह और नई वस्तु की खरीदारी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती , शारदा , वीणावादिनी आदि कई नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि की प्रदाता हैं और संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी कहलाती हैं।