माघ पूर्णिमा व्रत Sanatan Dharam में विशेष महत्व रखता है और इसे आत्मशुद्धि और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। यह पवित्र हिंदू माह माघ में आता है और इस दिन उपवास, दान और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। Hindu Dharam में महत्व Hindu Dharam में, माघ पूर्णिमा का संबंध भगवान विष्णु और अन्य देवताओं की पूजा से जुड़ा है। इस दिन प्रयागराज, हरिद्वार और वाराणसी जैसे तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए एकत्र होते हैं, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन धार्मिक प्रवचन, जरूरतमंदों को दान और यज्ञ करने की परंपरा भी है। भक्ति और समाज सेवा कई आध्यात्मिक संगठन, जैसे Paras Parivaar, इस पावन दिन पर धर्म और सेवा कार्यों को बढ़ावा देते हैं। Paras Bhai ji और Paras Bhai जैसे श्रद्धालु जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं और Sanatan Dharam की शिक्षाओं का प्रचार करते हैं। व्रत की विधि माघ पूर्णिमा के दिन उपवास रखना शरीर और आत्मा की शुद्धि का माध्यम माना जाता है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। कुछ श्रद्धालु सत्यनारायण कथा का आयोजन भी करते हैं और प्रसाद का वितरण करते हैं।