इस दिन सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन में आ जाएगा। मीन संक्रांति को स्नान-दान के लिए पुण्य काल माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र मे सूर्य को सभी ग्रहों का पिता माना गया है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य पूजा कर अर्घ्य देने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं और परिवार से बीमारियां कोसों दूर होती हैं। इस दिन खाने की वस्तुओं, वस्त्रों और गरीबों को दान पुण्य करने से दोगुना पुण्य प्राप्त होता है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि संक्रांति के दिन स्नान, ध्यान और दान से देवलोक की प्राप्ति होती है। साथ ही उन्होंने बताया कि मीन संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर, पानी मे गंगाजल डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
वैसे तो सूर्य पूजा हर दिन करनी चाहिए लेकिन संक्रांति के दिन सूर्य पूजा करना उत्तम होता है। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है। संक्रांति के दिन दान और पुण्य कर्मों की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मीन संक्रांति पर स्नान, दान और सूर्य देव की पूजा से आपको तेज, बल और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। स्वंय श्रीकृष्ण भगवान ने भी कहा है कि जो लोग सूर्य पूजा करते हैं उन्हें ज्ञान, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।