Back to privious Page

होली, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत

...

हिंदू धर्म में होली का बहुत महत्व है। होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है। भारत में इस त्यौहार का एक अलग ही जश्न और उत्साह देखने को मिलता है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि होली भाईचारे, आपसी प्रेम और सद्भावना का त्यौहार है। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं। वहीं, बच्चे पिचकारी में रंग भरकर एक दूसरे पर रंग डालते हैं।
इस ख़ुशी के अवसर पर लोग ईर्ष्या और द्वेष को भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं। लोग अपने-अपने घरों में गुझिया और कई प्रकार के पकवान बनाते हैं। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी होली अलग-अलग अंदाज में मनाई जाती है। खुशियों के इस त्यौहार का संबंध भगवान श्री कृष्ण और भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद से जुड़ा है। होली की शुरुआत होलिका दहन से हो जाती है। जिसे भक्त प्रह्लाद की स्मृति में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार होलिका दहन और होली के दिन भगवान श्री कृष्ण, श्री हरि और अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा करने से आपके सभी दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।


About us

Personalized astrology guidance by Parasparivaar.org team is available in all important areas of life i.e. Business, Career, Education, Fianance, Love & Marriage, Health Matters.

Paras Parivaar

355, 3rd Floor, Aggarwal Millennium Tower-1, Netaji Subhas Place, Pitam Pura, New Delhi - 110034.

   011-42688888
  parasparivaarteam@gmail.com
  +91 8882580006