हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है। चैत्र महीने में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। पितरों की आत्मा की शांति, श्राद्धकर्म, तर्पण और पिंडदान के लिए इस अमावस्या को महत्वपूर्ण माना जाता है।
माना जाता है कि अमावस्या तिथि के दिन पूर्वज अपने परिवारजनों के घर आते हैं। क्योंकि ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। लेकिन वहीं कुछ ऐसी आत्माएं होती हैं जिनकी इच्छा अधूरी रह जाती है और उनकी आत्मा भटकती रहती है। माना जाता है कि जीवित व्यक्ति के शरीर को अपने वश में करने का प्रयास करती है। इसलिए उनकी आत्मा को शांत करने के लिए और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए भूतड़ी अमावस्या के दिन प्रभावित व्यक्ति को पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है। यानि जब आत्माएं या नकारात्मक शक्तियां उग्र हो जाती हैं तो आत्माओं की इसी उग्रता को शांत करने के लिए भूतड़ी अमावस्या पर नदी स्नान करने का महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन पवित्र स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी दुख एवं दोष दूर हो जाते हैं।