बाबा साहेब की जयंती को पूरे देश में लोग उत्साह के साथ मनाते हैं। संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। उनकी जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है। बाबा साहेब निचले तबके से संबंध रखते थे। वो बचपन से ही सामाजिक भेदभाव का शिकार हुए और यही कारण था कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। महिलाओं को सशक्त बनाया।
भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर पूरा जीवन संघर्ष करते रहे। भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। उन दिनों छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त थीं, इसलिए उन्हें शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की। आजादी की लडाई में शामिल हुए और स्वतन्त्र भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान निर्माण में उन्होंने अतुल्य भूमिका निभाई।