चैत्र नवरात्रि के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। इस दिन को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। संसार को मर्यादा, सादगी, अच्छाई और धैर्य का पाठ पढ़ाने वाले थे प्रभु श्रीराम। इस दिन चैत्र नवरात्रि का समापन भी होता है। इस तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है। इस दिन मंदिरों में राम जी के बाल रूप का भव्य अभिषेक और श्रृंगार होता है और घरों में राम जी के जन्मोत्सव पर राम भजन गाए जाते हैं।
राम नवमी पर भगवान राम की पूजा करने से यश और वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि रहती है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि भगवान श्री राम की पूजा करने से आपके जीवन में व्याप्त दुख और संकट हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं और प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। राम नवमी के दिन शुभ मुहूर्त में किए गए काम सिद्ध हो जाते हैं। इस दिन घर में रामायण का पाठ या राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ होता है।