चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कामदा एकादशी व्रत कथा सुनते हैं। यानि यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक कामदा एकादशी का व्रत करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ उनके पापों का भी नाश हो जाता है और वह व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति के कार्य सफल होते हैं। इस एकादशी को फलदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
पद्म पुराण के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत करने से ब्रह्महत्या और अनजाने में किए हुए सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं कामदा एकादशी के व्रत करने से और कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ का पुण्य मिलता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी के बराबर संसार में दूसरा कोई व्रत नहीं है।