वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सभी एकादशियों की तरह ये एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। वरुथिनी एकादशी का फल दस हजार वर्ष तक तप करने के बराबर होता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि वरुथिनी एकादशी के व्रत से अन्नदान तथा कन्यादान दोनों के बराबर फल मिलता है।
एकादशी व्रत को करने से आपके ऊपर श्री हरि की कृपा हमेशा बनी रहती है। जो लोग इस एकादशी का मन से पालन करते हैं वे बुराई से सुरक्षित रहते हैं और सुख-सौभाग्य प्राप्त करते हैं। इसका व्रत करने से मनुष्य लोक और परलोक दोनों में सुख भोगता है और उसे जन्म-मरण से के चक्र से छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बहुत ही उत्तम माना जाता है।