हमारे शास्त्रों में ज्येष्ठ माह को बहुत पवित्र माना जाता है। इस महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। पदम पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा उनके वामन रूप में करने का विधान है। महंत पारस भाई जी का मानना है कि इस दिन शरीर को शुद्ध करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में कर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या तथा द्वेष आदि का त्याग कर भगवान का ध्यान करना चाहिए।
अपरा एकादशी को जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। अपरा एकादशी के दिन पूजा के समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र' का जाप करें।