शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना गया है। यह दिन भगवान नारायण को समर्पित होता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्येष्ठ माह हिन्दू वर्ष का तीसरा महीना होता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से साधक की सभी परेशानियां दूर हो जाती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन सत्यनारायण भगवान कथा का पाठ करने से या उनका श्रवण करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। इस दिन रात्रि के समय चंद्र देव की उपासना करने से और उन्हें अर्घ्य प्रदान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और कुंडली में चंद्र प्रबल होते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए।