भगवान जगन्नाथ रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले मुख्य धार्मिक महामहोत्सवों में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा ओडिशा के पुरी शहर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है। सागर तट पर बसे पुरी शहर में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव में जो आस्था देखने को मिलती है वो कहीं और नहीं मिलती है। यह भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जिन्हें ब्रह्मांड का भगवान और भगवान कृष्ण का एक रूप माना जाता है।
यह त्योहार भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की उनके मुख्य मंदिर, जिसे जगन्नाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है, से गुंडिचा मंदिर तक की यात्रा का प्रतीक है। भारत में आयोजित होने वाली रथ यात्रा को देखने हर साल विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं और यह रथयात्रा न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी उन जगहों पर आयोजित होती है जहां पर भारतीय रहते हैं।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथजी की रथयात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथ पुरी में आरंभ होती है और इसका समापन दशमी तिथि को होता है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि रथ-यात्रा में जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है, वह पुनर्जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा रथ यात्रा में भाग लेने मात्र से संतान संबंधी सारी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।