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छठे नवरात्र में माँ कात्यायनी की शक्ति पारस परिवार की भक्ति

Blog, 05/04/2025

नवरात्रि के छठवें दिन मां आदिशक्ति के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की श्रद्धा भाव से पूजा करने वाले भक्तों को काम, मोक्ष, सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है. पारस भाई और पारस भाई जी के नेतृत्व में पारस परिवार हर साल इस दिन को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाता है।

माँ भगवती की पूजा उपासना

नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए स्नान कर पूजा स्थल की साफ-सफाई कर लें. उसके बाद अपने हाथ में एक कमल का फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें. इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार से पूजा कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद उनके सामने घी या कपूर जलाकर आरती करें. अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा में सफेद या पीले रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. मां कात्यायनी शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं. शत्रुओं पर विजय पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा की जाती है और देवी स्वयं नकारात्मक शक्तियों का अंत करने वाली देवी हैं.

मां कात्यायनी का भोग

मां कात्यायनी को शहद या हलवे का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है और घर में धन-धान्य का आगमन होता है।

पारस परिवार में मां कात्यायनी की पूजा की परंपरा

पारस परिवार जो कि सनातन धर्म के मूल्यों का पालन करता है, हर नवरात्रि में विशेष हवन, पूजन और भजन संध्या का आयोजन करता है। पारस भाई और पारस भाई जी के सान्निध्य में इस आयोजन को भव्य तरीके से संपन्न किया जाता है। भक्तगण पूरी श्रद्धा के साथ माता की पूजा करते हैं और उनके चरणों में अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।

हवन और भजन संध्या

पारस परिवार विशेष रूप से हवन का आयोजन करता है, जिसमें हिंदू भाई बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। भजन संध्या में भक्तजन मां के गुणगान करते हैं और वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

मां कात्यायनी के मंत्र जाप

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।

मां कात्यायनी की कृपा से प्राप्त होने वाले लाभ

भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

जीवन में शांति और स्थिरता आती है।

साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

पारस परिवार में आपसी सौहार्द और प्रेम बना रहता है।

निष्कर्ष

पारस परिवार में मां कात्यायनी की पूजा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। पारस भाई और पारस भाई जी के नेतृत्व में इस आयोजन में हिंदू धर्म की समृद्ध परंपराओं का पालन किया जाता है। इस तरह की पूजा से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि पारस परिवार के सभी सदस्यों को एकजुटता और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है। मां कात्यायनी की कृपा से सभी भक्तों का जीवन सुखमय और समृद्ध बना रहे, यही प्रार्थना है।

 

 


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