प्रतिवर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा के पावन दिन हनुमान जन्मोत्सव अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है । इसी दिन सभी श्रद्धालुओं के परम प्रिय आराध्य पवनपुत्र हनुमान का जन्म हुआ था। यह दिन हनुमान जी के जन्म का ही नहीं अपितु यह दिन हमारे सनातन धर्म की आत्मा– भक्ति, शक्ति और समर्पण की परंपरा का प्रतीक है। पारस परिवार इस पावन अवसर पर सभी भक्तजन को हार्दिक शुभकामनायें एवं मंगलकामनाएं करता हैl
हनुमान जी
राम भक्त
के रूप में विख्यात है, परन्तु वे केवल रामभक्त नहीं,
बुद्धि, बल, विद्या के साथ साथ
विनम्रता के प्रतीक भी हैं।
जीवन के हर क्षण से उन्होंने यही सिखाया की सच्ची भक्ति। उनसे प्रेरणा मिली की सच्ची भक्ति स्वार्थरहित होती है उन्होंने रामजी के काज पूर्ण करने हेतु विशाल पर्वत उठाये, गहरे समुद्र को लांघकरलंका पहुँचे और लंका दहन किया। इतना बल और पराक्रम के बाद भी घमंड और अभिमान जैसी चीज उन्हें छू भी नहीं पायी। उनकी वाणी की मधुरता और व्यवहार में विनम्रता ने सबका ह्रदय जीतकर उनसे जुड़े रहने पर मजबूर कर दिया। उनके भक्त तो उनके दर्शन के दीवाने ही हैं। हमेशा उनसे बंधे रहना चाहते हैं।
आज के युग में हनुमान जी से प्रेरणा
हनुमान जी का चरित्र हमें यह याद दिलाता है कि आज के भौतिकी युग में, जहां मानव हर समय मानसिक तनाव, भय और भ्रम से घिरा रहता है, अगर मन में विश्वास सच्चा हो और लक्ष्य राम जैसा पवित्र हो, तो कोई भी मुश्किल राह नहीं रोक सकती।
हनुमान चालीसा की यह चौपाई
"संकट से हनुमान छुड़ावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावें"
हमें यही बताती है कि अगर हम तन-मन-वचन से हनुमानजी का स्मरण करें, तो जीवन की सारी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं ।
हर वर्ष पारस परिवार इस पावन दिवस को भक्ति, सेवा और संस्कृति के पर्व के रूप में मनाता है।
इस वर्ष भी पारस परिवार में विशेषतौर से होने वाले मुख्य आयोजन हैं
पारस परिवार का उद्देश्य अगली पीढ़ियों को भी इस दिव्य सनातनी परंपरा से जोड़ना है।
सिर्फ परंपराओं का निर्वाहन करना नहीं l पारस परिवार हमेशा यही चाहता हैं कि हर घरपरिवार में हनुमान जी जैसी भक्ति, निष्ठा, शक्ति और सेवा का पालन हो।
पारस परिवार की हनुमान जी की कृपा से आपके जीवन से भय मिटे, आपसी प्रेम संग विश्वास बढ़े और हर कार्य में सफलता के साथ विजय प्राप्त हो। पारस परिवार प्रार्थना करता है कि बजरंगबली का आशीर्वाद आप सभी के जीवन को संबल, साहस और सफलता से भर दे।
"Mata Rani's grace is like a gentle breeze, touching every heart that seeks refuge in her love."