नवरात्रि, सनातन धर्म का एक पवित्र और भव्य उत्सव है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है, जो तपस्या, ज्ञान और भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। पारस परिवार में इस दिन को विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जहां पारस भाई जी के नेतृत्व में भक्तजन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप साधना और आत्मसंयम का संदेश देता है। ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या, और ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली। इनके एक हाथ में जप माला और दूसरे हाथ में कमंडल रहता है, जो साधना और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को धैर्य, समर्पण और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
पारस भाई के सानिध्य में पारस परिवार के भक्तजन इस दिन को बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाते हैं। हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करते हुए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस पूजा के अंतर्गत:
भजन एवं कीर्तन: भक्तजन मां ब्रह्मचारिणी की स्तुति में भजन-कीर्तन करते हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
विधिपूर्वक पूजा एवं आरती: पारस भाई जी के मार्गदर्शन में मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें मंत्रों और आरती से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
व्रत एवं साधना: इस दिन कई भक्त व्रत रखते हैं और सात्त्विक भोजन ग्रहण करते हैं। यह आत्मशुद्धि और मन की एकाग्रता के लिए किया जाता है।
ज्ञान एवं प्रवचन: पारस भाई अपने अनुयायियों को मां ब्रह्मचारिणी की शिक्षा और महत्व के बारे में बताते हैं, जिससे भक्तों को संयम, श्रद्धा और आत्मनियंत्रण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
पारस परिवार की मां ब्रह्मचारिणी के प्रति भक्ति सनातन धर्म की परंपराओं के प्रति उनकी अटूट आस्था को दर्शाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना के माध्यम से भक्तजन अपने जीवन में धैर्य, शक्ति और आत्मनियंत्रण प्राप्त करते हैं। पारस भाई जी के मार्गदर्शन में की जाने वाली यह पूजा भक्तों को धर्म और आस्था के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
नवरात्रि आत्मशुद्धि, भक्ति और साधना का पर्व है। पारस परिवार में पारस भाई के सानिध्य में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अत्यंत श्रद्धा और विधि-विधान से की जाती है। यह आयोजन हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करते हुए भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। मां ब्रह्मचारिणी सभी को संयम, शांति और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।
"Mata Rani's grace is like a gentle breeze, touching every heart that seeks refuge in her love."