नवरात्रि, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इस पावन अवसर पर पारस परिवार पूरे भक्तिभाव से मां की आराधना करता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मां चंद्रघंटा शांति, शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती हैं। पारस भाई और पारस भाई जी के नेतृत्व में पारस परिवार हर साल इस दिन को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाता है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अति दिव्य और भव्य है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र स्थित है, जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। वे दस भुजाओं वाली देवी हैं, जो सिंह पर विराजमान होकर भक्तों की सभी बाधाओं का नाश करती हैं। उनकी कृपा से भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
पारस परिवार जो कि सनातन धर्म के मूल्यों का पालन करता है, हर नवरात्रि में विशेष हवन, पूजन और भजन संध्या का आयोजन करता है। पारस भाई और पारस भाई जी के सान्निध्य में इस आयोजन को भव्य तरीके से संपन्न किया जाता है। भक्तगण पूरी श्रद्धा के साथ माता की पूजा करते हैं और उनके चरणों में अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।
पारस परिवार में मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष विधि-विधान से की जाती है:
स्नान एवं संकल्प: सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लिया जाता है।
मूर्ति या चित्र का पूजन: मां चंद्रघंटा के चित्र या मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध कर उसे पुष्पों से सजाया जाता है।
मंत्र जाप और आरती: मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे - "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः"
नैवेद्य अर्पण: मां को दूध, मिष्ठान और फल का भोग लगाया जाता है।
हवन और भजन संध्या: पारस परिवार विशेष रूप से हवन का आयोजन करता है, जिसमें हिंदू भाई बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। भजन संध्या में भक्तजन मां के गुणगान करते हैं और वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
पारस परिवार में आपसी सौहार्द और प्रेम बना रहता है।
पारस परिवार में मां चंद्रघंटा की पूजा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। पारस भाई और पारस भाई जी के नेतृत्व में इस आयोजन में हिंदू धर्म की समृद्ध परंपराओं का पालन किया जाता है। इस तरह की पूजा से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि पारस परिवार के सभी सदस्यों को एकजुटता और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है। मां चंद्रघंटा की कृपा से सभी भक्तों का जीवन सुखमय और समृद्ध बना रहे, यही प्रार्थना है।
"Mata Rani's grace is like a gentle breeze, touching every heart that seeks refuge in her love."