माघ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का खास महत्व है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में माघ मेले का समापन होता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इस दिन देवतागण स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने के लिए आते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान और दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं और आपकी इच्छा पूरी करते हैं। चलिए जानते हैं माघ मास की पूर्णिमा का महत्व और पूजा विधि।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि माघ माह में पूर्णिमा 24 फरवरी को मनाई जायेगी। इस खास अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। इस दिन माघ पूर्णिमा व्रत करके घर में भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा का भी महत्व है। माघ पूर्णिमा के दिन सरोवरों, तीर्थस्थानों और नदियों में स्नान करने का बहुत ही अधिक महत्व है।
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार माघ पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। माघ पूर्णिमा का चांद सबसे सुंदर होता है और सबसे ज्यादा आशीर्वाद देता है।
माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन सबसे पहले उठकर गंगा स्नान करें। लेकिन यदि किसी वजह से गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं तो सिर्फ पानी में गंगाजल मिलकर भी स्नान कर सकते हैं। गंगाजल मिलाकर किया गया स्नान भी पुण्यदायी माना जाता है। स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य भगवान के सामने जल में तिल डालकर तर्पण करें।
इसके बाद पूजा करने के लिए भगवान को मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, मिष्ठान, पंचगव्य, तिल, सुपारी आदि चीजें अर्पित करें। अंत में आरती करके पूजा का समापन करें। प्रसिद्ध ज्योतिष महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है। माघ पूर्णिमा पर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा की पूजा कर उन्हें अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के लिए जल में सफेद फूल, अक्षत आदि डालकर चंद्रमा को अर्पण करें। इस दिन आप लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में ऐश्वर्य, सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि माघ पूर्णिमा के शुभ दिन पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के साथ व्रत करने का भी विधान है। इस दिन चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान के साथ दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर भ्रमण करने आते हैं इसलिए इस दिन स्नान-दान को महत्व दिया जाता है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में गंगा स्नान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। क्योंकि ऐसा करने पर आपकी हर इच्छा पूरी होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन माता लक्ष्मी के कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें, इस पाठ को करने से धन में अपार वृद्धि का योग बनता है। माघ पूर्णिमा के शुभ दिन भगवान विष्णु के साथ हनुमान जी की पूजा करना भी शुभ फल देता है और ऐसा करने से आपके सारे कष्ट दूर होते हैं।
दूसरी ओर एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि इस अद्भुत मौके पर जगत का पालन करने वाले भगवान विष्णु जी गंगाजल में निवास करते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से आपके जीवन में खुशहाली आती है। डेरा नसीब दा के महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार इस दिन धार्मिक कार्य करने का पुण्य साधारण दिनों की अपेक्षा में दुगुना मिलता है।
माघ पूर्णिमा के दिन कई चीज़ें ऐसी हैं जिनका दान करना बेहद शुभ माना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार गुड़, अन्न, कपड़े, भोजन का दान करने से आपके घर में खुशहाली आती है। साथ ही भगवान विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है और आपके घर में धन अन्न की कभी भी कमी नहीं होती है। इसके अलावा इस दिन गौ दान करना भी बेहद शुभदायी माना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, फल और वस्त्र अर्पित करें। इसके साथ ही माँ लक्ष्मी को गुलाबी रंग के फल, फूल और वस्त्र अर्पण करने चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का हमेशा वास होता है। इस दिन लोग गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में स्नान और पूजा करके गाय, तिल या अन्य चीजें दान में देते हैं।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः …पारस परिवार की ओर से माघ पूर्णिमा 2024 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!!
आप सभी पर माता लक्ष्मी की कृपा हो और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिले। माघ पूर्णिमा के चांद की तरह आपके जीवन में भी चांद सी शीतलता, शुभ्रता और कोमलता हो।
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"Mata Rani's grace is like a gentle breeze, touching every heart that seeks refuge in her love."