श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था का केन्द्र है। यह मंदिर, जो कि अभी इसलिए भी ज्यादा चर्चा में है क्योंकि अभी हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस मंदिर के दर्शन करने के लिए गये। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले जाकर सिकंदराबाद के श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में, क्यों है यह मंदिर इतना प्रसिद्ध, क्या है इस मंदिर की पौराणिक मान्यता, इसका इतिहास और मंदिर में देवी का कौन सा स्वरूप विराजमान है ?
उज्जयिनी महाकाली मंदिर तेलंगाना के सिकंदराबाद इलाके में स्थित है जो कि यहाँ के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर के प्रति अथाह श्रद्धा और इसका आकर्षण प्रधानमंत्री मोदी जी को भी अपनी ओर खींच ले आया और वह देवी काली के दर्शन के लिए पहुंचे। यह मंदिर शहर की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। उज्जयिनी महाकाली मंदिर के बारे में महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि यदि आप एक बार यहाँ चले जाते हैं तो माँ काली आपकी मनोकामना जरूर पूरी करती है।
वैसे तो इस मंदिर में हर दिन दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ रहती है लेकिन आषाढ़ जथारा के दिनों में इस मंदिर में भीड़ और भी बढ़ जाती है। यह मंदिर बोनालु त्योहार के लिए भी काफी लोकप्रिय है। दूर-दूर से लोग यहां अपनी मनोकामना पूरी करने और कई लोग मनोकामना पूरी होने पर देवी माँ के दर पर फिर से मत्था टेकने आते हैं।
माना जाता है कि उज्जयिनी महाकाली मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। इसका निर्माण पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा करवाया गया था। मंदिर का जीर्णोद्धार 19वीं शताब्दी में सिंधिया राजवंश द्वारा किया गया था। सिकंदराबाद का उज्जयिनी महाकाली मंदिर देवी काली का प्राचीन हिंदू मंदिर है, और इस मंदिर में देवी मां की पूजा-अर्चना की जाती है। यह मंदिर सिकंदराबाद के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर की तीनों मंजिल काले पत्थर से तैयार की गई हैं। श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर बनाया गया था। इस मंदिर की धार्मिक मान्यता तो है ही साथ ही यह अपनी भव्य वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है जिससे कि यहाँ पर्यटक खिंचे चले आते हैं।
यह मंदिर देवी काली का प्राचीन हिंदू मंदिर है। इस मंदिर में हर साल लाखों भक्तों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर में देवी काली की एक बड़ी प्रतिमा है जो क्रोध और शक्ति से भरी हुई प्रतीत होती है। मूर्ति को एक चांदी की ढाल से ढका और जड़ा हुआ है। सोने और चांदी से जड़ित इस मूर्ति से लाखों लोगों का विश्वास जुड़ा हुआ है। मंदिर में देवी तलवार, डमरू, भाला और अमृत के साथ पद्मासन मुद्रा में विराजमान हैं। देवी की प्रतिमा के बगल में माणिक्यलादेवी की मूर्ति भी है। देवी काली की मूर्ति को बहुत ही खूबसूरती से तराशा गया है। यदि मंदिर के गर्भगृह की बात करें तो यहाँ पर में भगवान शिव शंकर की भी एक मूर्ति है। उज्जयिनी महाकाली मंदिर में पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रि में इस मंदिर की ख़ूबसूरती देखने ही बनती है। नवरात्रि के समय इस मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और इन दिनों में कई उत्सव आयोजित किए जाते हैं। नवरात्रि में पूरे 9 दिन यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। इसके अलावा दिवाली के समय भी मंदिर में काफी रौनक रहती है। इस दौरान, मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया जाता है।
उज्जयिनी महाकाली मंदिर में माँ काली की 3 फीट की प्रतिमा मौजूद है। उज्जयिनी महाकाली मंदिर में देवी काली सिंह पर सवार है और उनके दस हाथों में अलग-अलग अस्त्र शस्त्र हैं। मां भगवती ने दुष्टों का अंत करने के लिए विकराल रूप धारण किया था जिन्हें मां काली के नाम से जाना जाता है। डेरा नसीब दा के महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि माँ काली की आराधना से मनुष्य के सभी भय दूर हो जाते हैं। मां काली को शक्ति और विनाश की देवी माना जाता है। मान्यता है कि मां भगवती ने दुष्टों का अंत करने के लिए विकराल रूप धारण किया था जिन्हें मां काली के नाम से जाना जाता है। मां काली के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए हर साल लाखों भक्त उज्जयिनी महाकाली मंदिर जाकर माँ काली की पूजा अर्चना करते हैं। काली का अर्थ है समय और काल। कालों की काली है माँ काली। भयानक अंधकार और शमशान की देवी है माँ काली। माँ काली की उत्पत्ति ही दुष्टों और राक्षसों का नाश करने के लिए हुई है। इसलिए मां काली की आराधना से व्यक्ति निडर बन जाता है।
उज्जयिनी महाकाली मंदिर पर्यटकों के बीच आकर्षण का केन्द्र है। उज्जयिनी महाकाली मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। मंदिर की भव्य वास्तुकला और देवी काली की शक्तिशाली मूर्ति दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस मंदिर की बात करें तो यह दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश करते ही आपको भगवान गणेश के दर्शन करने को मिलेंगे और मंदिर के गर्भगृह में देवी काली विराजित हैं। देवी काली को सोने और चांदी के आभूषणों से बहुत ही ख़ूबसूरती से सजाया गया है। इस मंदिर में भक्त दूर-दराज से प्रार्थना करने और मन्नत मांगने आते हैं। यह मंदिर न केवल स्थानीय भक्तों के लिए बल्कि देश भर के उपासकों के लिए भी बहुत ही गहरा महत्व रखता है। यानि आज यह मंदिर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र के रूप में खड़ा है, जो मन्नत पूरी करने वाले भक्तों को आकर्षित करता है।
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